वास्ते हज़रत मुराद-ए- नेक नाम       इशक़ अपना दे मुझे रब्बुल इनाम      अपनी उलफ़त से अता कर सोज़ -ओ- साज़    अपने इरफ़ां के सिखा राज़ -ओ- नयाज़    फ़ज़ल-ए- रहमान फ़ज़ल तेरा हर घड़ी दरकार है फ़ज़ल-ए- रहमान फ़ज़ल तेरा हो तो बेड़ा पार है

 

 

हज़रत  मुहम्मद मुराद अली ख़ां रहमता अल्लाह अलैहि 

 

 हज़रत मुहम्मद यूसुफ़ अबवाल फ़रह तरतोसी

 

रहमतुह अल्लाह अलैहि

 

आप रहमतुह अल्लाह अलैहि की विलादत बासआदत तरतोस में हुई। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि का इस्म गिरामी मुहम्मद यूसुफ़ रहमतुह अल्लाह अलैहि और कुनिय्यत अबवालफ़रह है। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि के वालिद माजिद का नाम शेख़ अबदुल्लाह तरतोसी है। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि अपने अह्द के क़ुतुब वक़्त और जामि अल्क़मा लात शेख़ गुज़रे हैं।

आप रहमतुह अल्लाह अलैहि सिलसिला क़ादरिया के चौधवीं इमाम तरीक़त हैं। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि वली कामिल, आलिम फ़ाज़िल, जमी उल-उलूम ज़ाहिरी-ओ-बातिनी थे। बहुत बड़े साहिब करामत बुज़ुर्ग थे। सब्रो तवक्कुल में आप रहमतुह अल्लाह अलैहि का मुक़ाम बहुत बुलंद था, अज़ीम ख़ूबीयों के मालिक थे। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि ने पीरोमुर्शिद के नक़श-ए-क़दम पर चल कर ख़लक़-ए-ख़ुदा की रहनुमाई का फ़रीज़ा अंजाम दिया और दीन मतीन की वो ख़िदमात अंजाम दें कि आज भी आप रहमतुह अल्लाह अलैहि का नक़श-ए-क़दम फ़ैज़ रुहानी का सरचश्मा है।

आप रहमतुह अल्लाह अलैहि ३शाबान अलमाज़म ४४७हिज्री को इस दार फ़ानी से रुख़स्त हुए।आप रहमतुह अल्लाह अलैहि की आख़िरी आरामगाह तरतोस निज़द बग़दाद में है।